तारानगर के गांव बुचावास में गुरुवार को एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन देखने को मिला, जब 40 वर्षों तक राजकीय सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अध्यापक गंगाधर मिश्रा की सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में ग्रामीणों ने डीजे के साथ भव्य जुलूस निकाला। पूरे गांव में उत्साह का माहौल था, जहां युवा, बुजुर्ग और बच्चे सभी ने इस अवसर पर मिश्रा जी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मिश्रा जी के बेटे सोनू मिश्रा ने बताया कि उनके पिता ने 40 साल तक शिक्षक के रूप में न केवल शिक्षा दी, बल्कि बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 30 सितंबर को जब वे सेवानिवृत्त हुए, तो पूरे गांव ने इस उपलब्धि का जश्न मनाने का निर्णय लिया। गुरुवार को ग्रामीणों ने डीजे की धुन पर झूमते हुए और पुष्प वर्षा के साथ उनका सम्मान किया।
जुलूस गांव बुचावास के मुख्य मार्गों से निकला, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। डीजे की धुनों पर लोग नाचते हुए अध्यापक मिश्रा का अभिनंदन कर रहे थे। लोगों ने मिश्रा जी को फूलों की माला पहनाई और उनके लंबे शिक्षण कार्यकाल की सराहना की। यह पल बेहद भावुक था, क्योंकि मिश्रा जी ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया, बल्कि पूरे गांव के बच्चों को नैतिक और जीवन के पाठ पढ़ाए।
इस मौके पर मिश्रा जी के सहकर्मी मांगीलाल गौड़ ने भी उनकी प्रशंसा की और कहा, “गंगाधर मिश्रा जी ने , न केवल अपने विद्यार्थियों को शिक्षा दी, बल्कि हमें भी हमेशा प्रेरित किया। उनके अनुशासन और मेहनत की मिसाल आज भी पूरे स्कूल में दी जाती है। उनकी सेवाएं और शिक्षण का तरीका हमेशा याद रखा जाएगा।”
पूरे कार्यक्रम के दौरान, ग्रामीणों ने उनके समर्पण और सेवा की भरपूर सराहना की। डीजे जुलूस के बाद एक सभा का आयोजन भी किया गया, जहां मिश्रा जी को विशेष सम्मानित किया गया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।
यह जुलूस और सम्मान समारोह पूरे गांव के लिए एक गर्व का क्षण रहा, और मिश्रा जी की सेवानिवृत्ति को यादगार बना दिया।