राजस्थान, 5 फरवरी 2025 — शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्षों तक समर्पित सेवा देने के बाद, श्री शिवराम बैराड़ जी 31 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त हो गए। उनकी इस उल्लेखनीय यात्रा का सम्मान करने के लिए एक विशेष विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उनके सहयोगियों, छात्रों और शिक्षा क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
शिक्षकीय सफर की झलक:
श्री बैराड़ ने 29 दिसंबर 1990 को अपने शिक्षकीय करियर की शुरुआत की। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पांच विभिन्न विद्यालयों में अपनी सेवाएं दीं:
- प्राथमिक विद्यालय, भांडसर, छतरगढ़
- कन्या प्राथमिक विद्यालय, कृष्णनगर, छतरगढ़
- प्राथमिक विद्यालय, ऊंचाईडा, लूणकरणसर
- प्राथमिक विद्यालय, उजलीतलाई, भामटसर, नोखा
- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खारी, लूणकरणसर
इन विद्यालयों में उन्होंने न केवल शिक्षा प्रदान की, बल्कि छात्रों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विदाई समारोह की मुख्य बातें:
समारोह के दौरान, कई सम्माननीय व्यक्तियों ने श्री बैराड़ के योगदान की सराहना की:
- संदीप शर्मा: “शिवराम जी ने शिक्षा के माध्यम से समाज में जो परिवर्तन लाया है, वह अनुकरणीय है।”
- पूनमचंद जी ज्याणी: “आपकी शिक्षण शैली और समर्पण ने अनेक छात्रों के जीवन को दिशा दी है।”
- रामदयाल जी कस्वां: “शिवराम जी का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य है, और उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी।”
- श्री शिवप्रताप जी घिंटाला (प्रिंसिपल, यूनिवर्स स्कूल): “शिक्षा के प्रति आपका समर्पण और दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।”
श्री बैराड़ का संदेश:
अपने विदाई संबोधन में, श्री बैराड़ ने कहा, “शिक्षक का कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है; हमारा उद्देश्य छात्रों के चरित्र निर्माण में योगदान देना है। मैं अपने सभी छात्रों से अपेक्षा करता हूँ कि वे सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलें और समाज में सकारात्मक योगदान दें।”
श्री शिवराम बैराड़ जी की इस प्रेरणादायक यात्रा ने शिक्षा के क्षेत्र में एक मानक स्थापित किया है, और उनका समर्पण सदैव स्मरणीय रहेगा।