16 अक्टूबर 2024, दिन बुधवार, अश्विन मास चल रहा है। शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रात 8:04 बजे तक रहेगी, उसके बाद पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ हो जाएगा, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन पूर्णिमा के साथ-साथ शरद पूर्णिमा का भी महत्व होता है, जिसे चंद्रमा की विशेष पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
इस दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रात 7:01 बजे तक रहेगा, जिसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू हो जाएगा। उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शांति, धैर्य और आध्यात्मिक प्रगति के लिए अनुकूल माना जाता है, जबकि रेवती नक्षत्र में शुरू होने वाले कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावनाएं होती हैं।
चंद्रमा इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जो भावनात्मक संवेदनशीलता और रचनात्मकता को प्रकट करता है। मीन राशि में चंद्रमा का गोचर आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक अच्छा समय होता है। वहीं, भगवान सूर्य कन्या राशि में विराजमान हैं, जो व्यावहारिकता, अनुशासन और व्यवस्थित कार्यों को बढ़ावा देता है।
आज का विजय मुहूर्त दोपहर 2:01 बजे से 2:47 बजे तक रहेगा। यह समय शुभ माना जाता है और इसे किसी नए कार्य की शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। विजय मुहूर्त का समय सदैव सफलता और विजय दिलाने वाला होता है।
राहुकाल, जो शुभ कार्यों के लिए वर्जित समय होता है, आज दोपहर 12:06 से 1:32 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान कोई भी शुभ कार्य या यात्रा शुरू नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ समय माना जाता है।
आज दिशाशूल उत्तर दिशा में है, जिसका अर्थ है कि उत्तर दिशा की ओर यात्रा करना अशुभ माना जाता है। यदि यात्रा करना अति आवश्यक हो, तो पहले उचित उपाय कर लेने चाहिए, जैसे गुड़ खाकर यात्रा पर निकलना, ताकि दिशाशूल के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।
इस दिन की धार्मिक और ज्योतिषीय विशेषताएं शुभ और उन्नति की ओर इंगित करती हैं, और इसे ध्यान में रखते हुए अपने दिन की योजना बनाना लाभकारी होगा।