केंद्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक को एक महत्वपूर्ण कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर की गुणवत्ता से संबंधित हजारों ग्राहक शिकायतों के मद्देनजर उठाया गया है। सरकार ने कंपनी से 15 दिनों के भीतर अपने जवाब देने की मांग की है।
ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार रात को एक्सचेंज फाइलिंग में नोटिस मिलने की पुष्टि की। जानकारी के अनुसार, पिछले एक साल में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को 10,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
नोटिस में यह आरोप लगाया गया है कि ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल और उनकी कंपनी ने सेवा में कमी, भ्रामक विज्ञापनों, अनुचित व्यापार प्रथाओं और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन किया है। यह कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है, जो ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
ओला इलेक्ट्रिक का यह मामला, जो भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, यह दिखाता है कि कैसे कंपनियों को उपभोक्ता संतोष के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।
साथ ही, यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और इस प्रकार के मुद्दे अन्य कंपनियों के लिए चेतावनी का काम कर सकते हैं।
केंद्र सरकार के इस कदम को लेकर क्या प्रतिक्रिया होगी, यह देखने योग्य होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को लेकर सरकार गंभीर है।