तारानगर तहसील के गांव बुचावास में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान रैली भी निकाली। बुचावास की मेघवाल धर्मशाला में अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। सेवानिवृत अध्यापक ओमप्रकाश कालवा ने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान की जो ताकत दी थी वो आज हमारे जीवन का आधार है। सरपंच प्रतिनिधि रमेश व्यास ने कहा कि सभी वर्गों के लिए शिक्षा अनिवार्य है जिससे जातीय भेदभाव को मिटाया जा सकता है।
अध्यापक राकेश मेहरा ने कहा कि बाबा साहेब समतामूलक समाज व सामाजिक न्याय के अग्रदूत थे। बीरबल दास ने कहा की शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है, संगठन से ताकत मिलती है और अन्याय के खिलाफ संघर्ष जरूरी है। बिडन एकेडमी निदेशक बलवान तेतरवाल ने कहा कि सीखते रहना ही इंसान को सही मायने में जिंदा और प्रगतिशील बनाता है। प्रखर वक्ता रामचंद्र मीणा ने कहा कि बाबा साहेब मानते थे कि इंसान की महानता उसके विचारों और कार्यों में होती है, जन्म से नहीं। इस अवसर पर ओमप्रकाश सुखाणी, भगवानराम झोरड़, बेगराज, महेश झाझडिया, सीताराम सुथार, मांगीलाल, भागीरथ दास, भींवाराम पंच, नेमीचंद, अनिल कुमार, भानी मेहरा, राकेश, बाबूलाल मेहरा सहित सेंकडों बच्चे मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन पवन कुमार ने किया।